पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध और कारण ( Paryavaran Pradushan Par Nibandh ) – पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ है वह दूषक पदार्थ जिसके कारण जीव जगत या प्राकृतिक संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो उसे पर्यावरण प्रदुषण कहते है साधारण भाषा में बोल सकते है कोई भी ऐसी चीज़ जिसके कारण प्रकर्ति में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो उसे पर्यावरण प्रदुषण कहा जाता है
प्रदूषण हमारे देश के साथ साथ अन्य देशों की भी एक बड़ी समस्या है यदि समय रहते इसपर कुछ न किया गया तो हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को इसके बहुत ही गंभीर परिणाम भुगतने होंगे
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पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध | Paryavaran Pradushan Par Nibandh
पर्यावरण प्रदूषण क्या है paryavaran pradushan kya hai
वह दूषक पदार्थ जिसके कारण जीव जगत या प्राकृतिक संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या उससे जल,वायु या मृदा में नई समस्या उत्पन्न होती हो उसे पर्यावरण प्रदुषण कहते है इस समय पर्यावरण प्रदूषण के कारण ही हमारी पृथ्वी पर कई छोटी बड़ी समस्या दिन पर दिन आती जा रही है जो एक गभीर विषय है
कई देश प्रदूषण को कम करने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे है इसके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण और कठोर कदम भी उठा रहे है
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पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार paryavaran pradushan ke prakar
पर्यावरण प्रदूषण चार प्रकार के होते है जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण ,मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण और इन सबका जिम्मेवार आज के युग में रहने वाले इंसान है जिनकी गलतियों से ही यह प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है
जल प्रदूषण
जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती यदि जल नहीं होगा तो न ही इंसान जीवित रहेंगे और न ही जिव जंतु और न ही हमारे पेड़ पौधे | जल प्रदुषण हानिकारक पदार्थो के जल में मिल जाने के कारण होता है साधारण भाषा में बोले तो कोई ऐसा पदार्थ जिसके कारण जल दूषित होता हो उसकी शुद्धता में गिरावट होती है जल प्रदूषण कहलाता है
वायु प्रदूषण
वायु पृथ्वी पर रहने वाले सभी इंसान, जीव-जंतु और पेड़ पोधो के लिए अति आवश्यक है लेकिन जगह जगह बड़े उद्योगपति पेड़ो को काट कर कारखानों लगाते जा रहे है जिनसे निकलने वाले धुए से दिन पर दिन वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे लोगो को सांस लेने में दिक्कत और कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है यदि समय रहते कुछ न किया गया तो इसके काफी गंभीर परिणाम होंगे
मृदा प्रदूषण
जिस किसी पदार्थ से मिटटी की गुणवत्ता में कमी आये या मिटटी की गुणवत्ता खराब करे वो मृदा प्रदूषण की श्रेड़ी में आता है हमारे देश में एक बहुत बड़ा हिस्सा कृषि का कार्य करता है और वह मिटटी में कई प्रकार के कीटनाशक, खाद व अन्य चीज़ो का इस्तेमाल अपने खेतों की मिटटी में करता जिसके कारण मिटटी की गुणवत्ता में कमी आती जा रही है जिससे मृदा प्रदुषण बढ़ रहा है
ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण एक जरूरत से ज्यादा आवाज़ के कारण होता है जैसे की किसी भी संगीत या लाउडस्पीकर को जरूरत से ज्यादा आवाज़ में सुन्ना, सड़को पर चलने वाली गाड़ियों की आवाज़ और उनके हॉर्न की आवाज़ या कारखानों की आवाज़ ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है
पर्यावरण प्रदूषण के कारण paryavaran pradushan ke karan
प्रकृति ने हमें एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्राकृतिक साधन दिए है लेकिन हम सभी मनुष्य स्वार्थी और आलसी होते जा रहे है और जाने अनजाने खुद ही पर्यावरण को प्रदूषित करके खुद ही प्रदुषण का कारण बनते जा रहे है
पर्यावरण प्रदुषण कुछ अन्य कारण निम्नलिखित है
- आर्थिक विकास
- जनसंख्या वृद्धि
- परिवहन का अधिक विस्तार
- स्त्रोतों का अनियमित और अनियंत्रित दोहन
- शिक्षा में कमी
- आधुनिक चीजों का ज्यादा मात्रा में उपयोग
- कीटनाशक पदार्थ का ज्यादा उपयोग
- वनो का कटाव
- तीव्र ध्वनि
- विषैली गैस
पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और समाधान paryavaran pradushan samasya aur samadhan
पर्यावरण प्रदूषण की समस्या हमारे देश के साथ साथ अन्य देशो के लिए भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है और इस बढ़ते हुए प्रदूषण के जिम्मेदार हम खुद है किसी भी चीज़ का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक होता है और वही हो रहा है इसलिए हमारी जिम्मेदारी होती है की आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण प्रदूषण का सामना न करना पड़े
- पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए
- प्लास्टिक की पोलोथिन का कम उपयोग करना चाहिए
- कृषि में काम आने वाले खाद और कीटनाशक दवाओं का कम से कम उपयोग करना चाहिए
- पेड़ पोधो के कटाई पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए
- नदियों और नालो को कचरो से बचाना चाहिए
- कानून का पालन और दंड की प्रक्रिया होनी चाहिए